क्या आपको पता महा शिवरात्रि के पर्व को शिव जी को क्यों चढ़ाया जाता है दूध ? - महाशिवरात्रि पर्व में दूध का पौराणिक महत्व

महाशिवरात्रि पर्व में दूध का महत्व (Significance of Milk in Mahashivratri )

महाशिवरात्रि में दूध का पौराणिक महत्व

महाशिवरात्रि भारत में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो विनाश और परिवर्तन के देवता भगवान शिव को समर्पित है। यह त्योहार बड़ी भक्ति और उत्साह के साथ मनाया जाता है, जिसमें लोग व्रत रखते हैं और भगवान की पूजा करते हैं।

इस त्योहार के सबसे दिलचस्प पहलुओं में से एक दूध का महत्व है। महाशिवरात्रि के उत्सव में दूध की महत्वपूर्ण भूमिका होती है और इस लेख में हम इसके पीछे के कारणों पर चर्चा करेंगे।

  • इस साल यह पर्व 18 फरवरी, शनिवार को मनाया जाएगा
  • महाशिवरात्रि पर शिवलिंग पर तरह-तरह के चढ़ावे चढ़ाए जाते हैं
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महाशिवरात्रि में दूध का पौराणिक महत्व (Mythological Significance of Milk in Mahashivratri)

हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान विष (हलाहल) का एक घड़ा निकला था। यह विष इतना शक्तिशाली था कि यह पूरी दुनिया को नष्ट कर सकता था। देवता और दानव दोनों विष से डर गए और उन्होंने दुनिया को बचाने के लिए भगवान शिव से मदद मांगी।

महाशिवरात्रि में दूध का पौराणिक महत्व
भगवान शिव, विनाश और परिवर्तन के देवता होने के नाते, मदद करने के लिए तैयार हो गए। उसने जहर का पूरा घड़ा पी लिया, लेकिन उसे निगलने के बजाय उसने अपने गले में ही रोक लिया। विष ने उनका गला नीला कर दिया और भगवान शिव को "नीलकंठ" के नाम से जाना जाने लगा।

जब भगवान शिव ने विष का पान किया तो उन्हें अत्यधिक गर्मी और बेचैनी महसूस हुई। देवताओं ने उसके दर्द को कम करने के लिए उसे दूध चढ़ाया। दूध ने न केवल भगवान शिव को राहत दी बल्कि उनके शरीर को शुद्ध भी किया, जिससे यह जहर के प्रभाव के प्रति अधिक लचीला हो गया।

तब से, दूध भगवान शिव से जुड़ा हुआ है और महाशिवरात्रि उत्सव के दौरान एक आवश्यक प्रसाद बन गया है।

दूध के वैज्ञानिक फायदे (The Scientific Benefits of Milk)

पौराणिक महत्व के अलावा महाशिवरात्रि पर्व पर दूध पीने के कई वैज्ञानिक फायदे भी हैं। दूध कैल्शियम का एक समृद्ध स्रोत है, जो स्वस्थ हड्डियों और दांतों को बनाए रखने के लिए आवश्यक है। यह प्रोटीन का भी एक उत्कृष्ट स्रोत है, जो शरीर के ऊतकों के निर्माण और मरम्मत में मदद करता है।

दूध एक प्राकृतिक शीतलक भी है और शरीर को हाइड्रेटेड रखने में मदद करता है। त्योहार के दौरान, लोग पूरे दिन उपवास करते हैं और दूध का सेवन करने से शरीर को ठीक से काम करने के लिए आवश्यक पोषक तत्व मिलते हैं।

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निष्कर्ष (Conclusion)

महाशिवरात्रि के उत्सव में दूध की अहम भूमिका होती है और इसके पीछे के कारणों को समझना जरूरी है। पौराणिक महत्व से लेकर वैज्ञानिक लाभ तक, त्योहार के दौरान दूध का सेवन अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने और भगवान शिव को चढ़ाने के लिए आवश्यक है।

इस लेख के माध्यम से, हम आशा करते हैं कि आपको महाशिवरात्रि उत्सव के दौरान दूध के महत्व की व्यापक समझ प्रदान की गई होगी। भक्ति के साथ भगवान शिव को दूध अर्पित करें, और वे आपको स्वास्थ्य और समृद्धि का आशीर्वाद दें।

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